चुनाव आते ही सारे नेता और वोट मांगने के लिए तरह-तरह के वादे करने लग जाते है. आजादी के बाद कितनी सरकारें आयी और कितनी चली गयी लेकिन आज भी फतेहपुर कि हालत बाद से बदतर होते जा रहे है. कोई पार्टी और नेता यहाँ के विकास के बारे में नहीं सोचता है.
इन सब के पीछे यहाँ के लोग भी कुछ हद तक जिम्मेदार है. जो उन नेताओं के पीछे लगे होते है. आज हमारे यहाँ शिक्षा का अस्तर इतना गिर चूका है, कि लोग इसे पैसे में खरीदने वाली चीज समझ चुके है. आज आदमी कि कोई वैल्यू नहीं है. पैसे को सर्वोपरि स्थान प्राप्त है.
किसी भी गांव, जिला, राज्य व देश के विकास के लिए शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. बिना उच्च और तकनिकी शिक्षा के कुछ भी सम्भव नहीं है लेकिन यहाँ स्कूल कॉलेज चलना तो अब बिज़नस बन चूका है. गरीब और मद्धम वर्ग को तो उच्च शिक्षा मिलना बहुत मुस्किल हो गया है. जितना पैसा दोगे उतना अच्छा परसेंटेज (मार्क) मिल जायेंगे और ज्यादातर नौकरी भी बिना पैसे के नहीं मिलती है.
अगर यहाँ के नागरिक, नेता और सरकार अभी नहीं जागे तो वह दिन दूर नहीं जब लोग भीख मांगने को मजबूर हो जायेंगे. चोरी, छीना-झपटी ये सब बेरोजगारी और अशिक्षा के कारन ही होते है. ऐसी बहुत सारी चीजे है जिन्हे लिखूंगा तो सालों लग जायेंगे लेकिंग मेरा मतलब यह है कि किसी भी तरह फतेहपुर जिला का विकास होना चाहिए.
आज यहाँ रोजगार का कोई साधन नहीं है, लोग दिल्ली, बम्बई या अन्य सहरों में रोजगार के लिए जाते है और वहाँ उन्हें बहुत सारी समस्याए झेलनी पड़ती है. अगर यहाँ रोजगार होता तो लोग बहार क्यों जाते.
मेरी फतेहपुर के जनता और नेताओ से अनुरोध है कि यहाँ रोजगार के अवसर प्रदान किये जाएँ. IT सेक्टर का विकास किया जाये जिससे फतेहपुर जिले का विकास सम्भव हो सके. अन्यथा ये उ. प. के नक्से से बहार हो जायेगा क्योंकि आज भी लोग फतेहपुर बताने पर फतेहपुर सीकरी समझते है.
इन सब के पीछे यहाँ के लोग भी कुछ हद तक जिम्मेदार है. जो उन नेताओं के पीछे लगे होते है. आज हमारे यहाँ शिक्षा का अस्तर इतना गिर चूका है, कि लोग इसे पैसे में खरीदने वाली चीज समझ चुके है. आज आदमी कि कोई वैल्यू नहीं है. पैसे को सर्वोपरि स्थान प्राप्त है.
किसी भी गांव, जिला, राज्य व देश के विकास के लिए शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. बिना उच्च और तकनिकी शिक्षा के कुछ भी सम्भव नहीं है लेकिन यहाँ स्कूल कॉलेज चलना तो अब बिज़नस बन चूका है. गरीब और मद्धम वर्ग को तो उच्च शिक्षा मिलना बहुत मुस्किल हो गया है. जितना पैसा दोगे उतना अच्छा परसेंटेज (मार्क) मिल जायेंगे और ज्यादातर नौकरी भी बिना पैसे के नहीं मिलती है.
अगर यहाँ के नागरिक, नेता और सरकार अभी नहीं जागे तो वह दिन दूर नहीं जब लोग भीख मांगने को मजबूर हो जायेंगे. चोरी, छीना-झपटी ये सब बेरोजगारी और अशिक्षा के कारन ही होते है. ऐसी बहुत सारी चीजे है जिन्हे लिखूंगा तो सालों लग जायेंगे लेकिंग मेरा मतलब यह है कि किसी भी तरह फतेहपुर जिला का विकास होना चाहिए.
आज यहाँ रोजगार का कोई साधन नहीं है, लोग दिल्ली, बम्बई या अन्य सहरों में रोजगार के लिए जाते है और वहाँ उन्हें बहुत सारी समस्याए झेलनी पड़ती है. अगर यहाँ रोजगार होता तो लोग बहार क्यों जाते.
मेरी फतेहपुर के जनता और नेताओ से अनुरोध है कि यहाँ रोजगार के अवसर प्रदान किये जाएँ. IT सेक्टर का विकास किया जाये जिससे फतेहपुर जिले का विकास सम्भव हो सके. अन्यथा ये उ. प. के नक्से से बहार हो जायेगा क्योंकि आज भी लोग फतेहपुर बताने पर फतेहपुर सीकरी समझते है.
Ham log jab tak prajatantra ka asali matalab nahi samajhenge, ye neta log hame hamesha ullu banate rahenge. Hame in netaon me jaati paati dundhne ke bajay inse bolna chahiye ki hame, rojgar dilao, factory lagao, bijli, sadak, paani ka prabandh karo aur hospital aur school khulao. Jabtak ye jaroori cheeze ham nahi mangege ye hame apna ghulam hi samjhenge....
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